दोस्तों क्या आप छत्तीसगढ़ के निवासी है और आप अपने आसपास अपने शहर में घुमने की जगह की तलाश में है तो मै आज आपको कोरबा में घुमने की जगह के बारे में बताने वाला हु, यदि आप इस शहर के है तो इसके बारे में आप जानते ही होंगे फिर भी आज के इस पोस्ट आप कोरबा पर्यटन स्थल के बारे में जानेंगे.
तो दोस्तों आपका ज्यादा समय ना लेते हुए चलिए जानते है Korba me ghumne ki jagah के बारे में जहाँ आपको प्रकृति के बहुत से खुबसूरत स्थल देखने को मिल जाते है. आज कोरबा के टॉप 10 स्थल के बारे में बताएँगे जहाँ आप अपने पुरे परिवार के साथ घुमने जा सकते है.
Korba me Ghumne ki Jagah | कोरबा में घुमने की जगह
इस जिले में घूमने के लिए कई खास जगहें हैं जो आपको अपनी सुंदरता से मोहित कर लेंगी। मैंने इस यात्रा के दौरान जो कुछ भी देखा, उसे मैं यहां आपसे साझा करने जा रहा हूं। आइए, मेरे साथ जानें “कोरबा के टॉप 10 पर्यटन स्थल” और समझें क्यों ये जगहें इतनी खास हैं।
कोरबा पर्यटन स्थल: एक नज़र में
स्थान | दूरी (किमी) | प्रमुख आकर्षण | गतिविधियाँ |
देवपहरी जलप्रपात | 58 | सुंदर जलप्रपात और पिकनिक स्पॉट | ट्रैकिंग, कैंपिंग |
कनकी | 20 | कनकेश्वर महादेव मंदिर | धार्मिक स्थल |
कुदुरमाल | 22 | कबीर पंथ समाधि | धार्मिक यात्रा |
चैतुरगढ़ | 70 | महिषासुर मर्दिनी मंदिर और मैकाल पर्वत | ट्रैकिंग, औषधीय खोज |
तुमान | 30 | प्राचीन शिव मंदिर | ऐतिहासिक स्थल |
केंदई जलप्रपात | 90 | 75 फीट ऊंचा जलप्रपात | पिकनिक, ट्रैकिंग |
मौहगढ़ | – | प्राचीन किला और मूर्तियाँ | ऐतिहासिक स्थल |
गोल्डन आइलैंड | 97 | प्राकृतिक सौंदर्य और फिशिंग | कैंपिंग, ट्रैकिंग |
स्नेक पार्क | 10 | विभिन्न प्रकार के सांप | सांपों का अवलोकन |
मड़वारानी मंदिर | 31 | माता मड़वा रानी का प्राचीन मंदिर | धार्मिक स्थल |
1. कनकी (20 किमी)
कनकी, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक गाँव है, जो कोरबा शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर हसदेव नदी के किनारे बसा है। यह स्थान अपने प्राचीन कंकेश्वर या चक्रेश्वर महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जिसे माना जाता है कि कोरबा के जमींदारों ने 1857 के आसपास बनवाया था। मंदिर में पत्थरों पर उकेरी गई भगवान शिव-पार्वती की अनेक सुंदर मूर्तियाँ हैं, जो इसकी विशेषता हैं।
कनकी गाँव घने जंगलों से घिरा हुआ है और यहाँ कई तालाब भी हैं, जो प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करते हैं। इससे यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता है।
2. देवपहरी जलप्रपात (58 किमी)
देवपहरी जलप्रपात छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में स्थित एक सुंदर प्राकृतिक स्थल है। यह कोरबा शहर से लगभग 58 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, चोरनई नदी के किनारे पर स्थित है। यहां चोरनई नदी ने ‘गोविंद कुंज’ नामक एक आकर्षक झरना बनाया है, जिसे ‘गोविंद झुंझा जलप्रपात’ भी कहा जाता है और Korba me ghumne ki jagah में अपनी सूची भी शामिल की है।
यह जलप्रपात लगभग 40 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जिसकी आवाज लगभग 200 मीटर की दूरी से सुनी जा सकती है। देवपहरी जलप्रपात तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग किया जा सकता है। कोरबा से 58 किलोमीटर की दूरी तय कर आप यहां पहुंच सकते हैं। यह स्थान पिकनिक मनाने और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है। यहां के हरे-भरे पहाड़, घने जंगल और शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
3. केंदई जलप्रपात (90 किमी)
केंदई जलप्रपात छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में स्थित एक सुंदर पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर, बिलासपुर-अंबिकापुर राज्य राजमार्ग संख्या 5 के पास केंदई नामक गांव में स्थित है। केंदई जलप्रपात के आसपास साल वृक्षों के घने वन हैं, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाते हैं।
यहां एक पहाड़ी नदी लगभग 75 फीट की ऊंचाई से गिरकर एक सुंदर झरना बनाती है, जो पिकनिक मनाने वालों के लिए आकर्षक स्थान है।
4. कुदुरमाल (22 किमी)
कुदुरमाल, छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है, जो जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। यह गांव हसदेव नदी के किनारे बसा हुआ है और इसकी कुल जनसंख्या 1,514 (वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार) है।
कुदुरमाल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। यहां संत कबीर के एक शिष्य की समाधि स्थल है, जो लगभग 500 वर्ष पुराना है। इसके अलावा, यहां संकटमोचन हनुमान मंदिर स्थित है, जिसमें हनुमान की प्रमुख मूर्ति स्थापित है। मंदिर के चारों ओर काली, दुर्गा, राम, सीता, कबीर आदि के छोटे-छोटे मंदिर हैं। हर साल जनवरी और फरवरी में माघ पूर्णिमा पर यहां मेला लगता है।
मंदिर के पास एक चट्टान के नीचे एक गुफा है, जो गोलियों के चट्टानों से आकर्षित होती है। यह स्थल कबीरपंथी सतगुरु के तीन मजार के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इन समाधि स्थलों का निर्माण 16वीं-17वीं सदी में हुआ था। छत्तीसगढ़ सरकार ने इन्हें राज्य संरक्षित स्मारक का दर्जा दिया है और Korba me ghumne ki jagah में अपनी सूची भी शामिल की है।
5. मड़वारानी मंदिर (31 किमी)
मड़वारानी मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर कोरबा से चांपा रोड पर, जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर, एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।
मंदिर में देवी मड़वारानी की पूजा की जाती है, जिन्हें स्थानीय निवासियों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के अवसर पर यहाँ विशेष उत्सव मनाए जाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल होते हैं।
मंदिर तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग, रेल मार्ग और वायु मार्ग की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से कोरबा और चांपा से बस सेवाएँ हैं, और स्वयं के वाहन से भी पहुँचा जा सकता है। रेल मार्ग से चांपा जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जहाँ से लोकल ट्रेन द्वारा मड़वारानी रेलवे स्टेशन पहुँचा जा सकता है। वायु मार्ग से रायपुर का स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा सबसे निकट है।
6. चैतुरगढ़ (70 किमी)
चैतुरगढ़, जिसे लाफागढ़ भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह किला समुद्र तल से 3,060 फीट (930 मीटर) की ऊंचाई पर पहाड़ी की चोटी पर बना है और कोरबा शहर से लगभग 70 किलोमीटर तथा पाली से 25 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।
किले की प्राकृतिक सुरक्षा इसे भारत के सबसे मजबूत प्राकृतिक किलों में से एक बनाती है। यहां तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं: मेनका, हुमकारा, और सिंहद्वार। किले के भीतर पांच तालाब हैं, जिनमें से तीन में साल भर पानी रहता है। यह स्थान विभिन्न वन्यजीवों और पक्षियों का भी घर है।
किले में स्थित महिषासुर मर्दिनी मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जहां देवी की 12 भुजाओं वाली मूर्ति स्थापित है। मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूर शंकर गुफा है, जो 25 फीट लंबी एक संकरी सुरंग के समान है।
7. गोल्डन आइलैंड (97 किमी)
गोल्डन आइलैंड, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का मॉरिशस’ भी कहा जाता है, कोरबा जिले में स्थित एक सुंदर पिकनिक स्थल है। यह स्थान हसदेव नदी के बीचों-बीच स्थित है, जहां चारों ओर हरियाली और पहाड़ियां हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। रायपुर से इसकी दूरी लगभग 230 किलोमीटर है, और बिलासपुर से लगभग 120 किलोमीटर। यह स्थान परिवार और दोस्तों के साथ एक दिन की यात्रा के लिए उपयुक्त है।
गोल्डन आइलैंड तक पहुंचने के लिए, आपको पहले बुका गांव पहुंचना होगा, जो कोरबा जिले में स्थित है। बुका से नाव के माध्यम से गोल्डन आइलैंड जाया जा सकता है। यहां की यात्रा के दौरान, आप प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह स्थान विशेष रूप से आकर्षक है।
8. मौहगढ़
मौहगढ़, छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में स्थित एक गाँव है। कोरबा जिला 25 मई 1998 को स्थापित हुआ, जिसका मुख्यालय कोरबा शहर है। यह जिला हसदेव और अहिरन नदियों के संगम पर स्थित है और छत्तीसगढ़ की “ऊर्जाधानी” के नाम से प्रसिद्ध है। मौहगढ़ गाँव भी इसी सांस्कृतिक और प्राकृतिक परिवेश का हिस्सा है, जहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता इसे विशेष बनाती है।
9. स्नेक पार्क (10 किमी)
कोरबा, छत्तीसगढ़ में जल्द ही एक स्नेक पार्क बनने वाला है, जहां दुर्लभ प्रजाति के सांपों का संरक्षण किया जाएगा। वन मंत्री केदार कश्यप ने मार्च 2024 में इस पहल की घोषणा की थी। इस पार्क का उद्देश्य विभिन्न सांपों की प्रजातियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना और उनके बारे में लोगों को जागरूक करना है। कोरबा के जंगलों में किंग कोबरा जैसे दुर्लभ सांप पाए जाते हैं, जिनका संरक्षण आवश्यक है।
इससे पहले, रायपुर के जंगल सफारी में प्रदेश का पहला स्नेक पार्क बनाया गया था, जहां 10 प्रजातियों के सांपों को रखा गया है। कोरबा में बनने वाला स्नेक पार्क न केवल सांपों के संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनेगा। इससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सांपों के बारे में जानकारी मिलेगी और उनके प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने में सहायता मिलेगी।
10. तुमान (30 किमी)
तुमान छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है, जो जिला मुख्यालय कोरबा से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में और काटघोरा से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्राचीन इतिहास के अनुसार, तुमान हाईया वंश के राजाओं की राजधानी थी। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर स्थित है, जिसे माना जाता है कि राजा रत्नदेव प्रथम ने 11वीं शताब्दी में कालचुरी शासनकाल के दौरान बनवाया था। Korba me ghumne ki jagah me इस शिव मंदिर के अलावा, क्षेत्र में कुछ अन्य प्राचीन अवशेष भी पाए जाते हैं।
तुमान गांव प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां की शांत वातावरण और ऐतिहासिक धरोहरें आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।
कोरबा में पिकनिक स्पॉट
कोरबा में सिर्फ पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि कई अद्भुत पिकनिक स्पॉट भी हैं। सतरेंगा पिकनिक स्पॉट मेरे लिए सबसे खास रहा। यहाँ आप वोटिंग, कैंपिंग और ट्रैकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियाँ कर सकते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए यह जगह परफेक्ट है। यदि आप एक शानदार Korba picnic spot list की तलाश में हैं, तो यह स्थान आपके लिए सही रहेगा।
कोरबा के पास अन्य आकर्षक पर्यटन स्थल
अगर आप कोरबा में घुमने की जगह के अलावा उसके आस-पास के जिलों में भी घूमने का मन बना रहे हैं, तो कोरबा के पास कुछ और शानदार पर्यटन स्थल भी हैं। ये जगहें भी प्रकृति और संस्कृति से भरपूर हैं और आपकी यात्रा को और भी दिलचस्प बना सकती हैं।
1. रायगढ़ में घुमने की जगह
कोरबा से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रायगढ़ अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का रामझरना झरना और किला दर्शनीय स्थलों में प्रमुख हैं। यदि आप एक दिन की यात्रा के लिए किसी और Korba me ghumne ki jagah की तलाश में हैं, तो रायगढ़ एक बढ़िया विकल्प हो सकता है।
2. बिलासपुर में घुमने की जगह
बिलासपुर, कोरबा से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का रतनपुर किला और ताला गांव का शिल्पकला संग्रहालय देखने लायक हैं। बिलासपुर अपने ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। आप यहां से भी कई प्राचीन मंदिर और दर्शनीय स्थल देख सकते हैं।
कोरबा कैसे पहुंचे?
कोरबा पहुंचना काफी आसान है, चाहे आप किसी भी साधन का उपयोग कर रहे हों। मैंने खुद इस यात्रा में कई माध्यमों का उपयोग किया, जिससे सफर सुगम हो गया। यहाँ आने के लिए तीन प्रमुख साधन हैं:
1. बस द्वारा (By Bus): आप छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर या अन्य प्रमुख शहरों से कोरबा तक बस द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। कोरबा से आस-पास के पर्यटक स्थलों तक पहुंचने के लिए लोकल बस सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
2. ट्रेन द्वारा (By Train): कोरबा रेलवे स्टेशन से देश के प्रमुख शहरों के लिए नियमित ट्रेन सेवाएं चलती हैं। यह सफर किफायती और सुविधाजनक होता है। मैंने ट्रेन से यात्रा की और सफर बेहद आरामदायक रहा।
3. हवाई मार्ग द्वारा (By Air): अगर आप हवाई यात्रा पसंद करते हैं, तो निकटतम हवाई अड्डा रायपुर में है, जो कोरबा से लगभग 231 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रायपुर से आप बस या टैक्सी द्वारा कोरबा आसानी से पहुँच सकते हैं।
FAQs – कोरबा के प्रमुख पर्यटन स्थल
अब चलिए कुछ आमतौर पर पूछे जाने वाले सवालों पर नजर डालते हैं, जो Korba me ghumne ki jagah के बारे में अक्सर लोगों के मन में होते हैं:
1. कोरबा में कौन-कौन से प्रमुख पर्यटन स्थल हैं?
कोरबा में कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जैसे देवपहरी जलप्रपात, चैतुरगढ़, मड़वारानी मंदिर, और सतरेंगा पिकनिक स्पॉट।
2. क्या कोरबा में फैमिली के साथ घूमने के लिए पिकनिक स्पॉट हैं?
जी हां, कोरबा में कई शानदार पिकनिक स्पॉट हैं, जैसे सतरेंगा, गोल्डन आइलैंड, और केंदई जलप्रपात, जहां आप अपने परिवार के साथ एक अच्छा समय बिता सकते हैं।
3. कोरबा में कौन सा धार्मिक स्थल सबसे प्रसिद्ध है?
मड़वारानी मंदिर और सर्वमंगला मंदिर कोरबा के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जो हज़ारों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र हैं।
4. कोरबा घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
कोरबा घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उपयुक्त है। इस समय मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, जो आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देता है।
5. कोरबा के पास कौन-कौन से अन्य पर्यटन स्थल हैं?
कोरबा के पास रायगढ़, बिलासपुर, और जांजगीर-चांपा जैसे स्थान हैं, जहां आप प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों का दौरा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस पोस्ट में आपने कोरबा में घुमने की जगह के बारे में जाना है मै आशा करता हु की ये कोरबा पर्यटन स्थल की ये पोस्ट आपको पसंद आई होगी. जहाँ आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ घुमने जा सकते है. आपने इस पोस्ट में स्थल के विशेषता और कोरबा से उसकी दुरी को जाना साथ ही आप वहां तक कैसे पहुच सकते है उसे भी आपने जाना होगा. इस पोस्ट को पूरा पढ़ने और Korba me ghumne ki jagah को जानने के लिए आपका धन्यवाद.