दोस्तों, क्या आप भी छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख जिले के पर्यटन स्थल के बारे में जानने आये है? तो मै आज आपको इस पोस्ट में sarguja me ghumne ki jagah के बारे में बताऊंगा जहाँ आप जा सकते है. इस जिले में आपको बहुत कुछ देखने को मिल जाता है चाहे बात करू सरगुजा के दर्शनीय स्थल की या खूबसूरत पार्क की या बांध और वॉटरफॉल की यहाँ आपको सब देखने को मिल जाती है कुछ तो ऐसे है जो रहस्यों से भरे है.
तो चलिए आपको हम यहाँ टॉप 15 सरगुजा में घुमने की जगह के बारे में बताते है जहाँ आप अपने पुरे परिवार के साथ जा सकते है और छुट्टियों का मज़ा पुरे मस्ती के साथ फॅमिली के साथ बिता सकते है.
सरगुजा में घुमने की जगह | Sarguja me Ghumne ki Jagah
छत्तीसगढ़ का प्रमुख जिला सरगुजा पर्यटन स्थल में आपको बहुत कुछ देखने को मिल जाते है. जिसे मैंने सूची के रूप में निचे पूर्ण जानकारी तो नहीं लेकिन स्थल के बारे में कुछ जानकारी दी है जिससे की यहाँ के बारे में आपको पता चल सके और आप आप अपने परिवार के साथ घुमने आ सके.
1. मरीन ड्राइव पार्क, अंबिकापुर
स्थान: अंबिकापुर शहर के बीच में
जिले से दुरी: 28 किलोमीटर
विशेषता: झील के बीच में मंदिर और सेल्फी पॉइंट,
अंबिकापुर सरगुजा जिले से मात्र 25 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है. यहाँ आपको मरीन ड्राइव पार्क देखने को मिल जाता है जो की बहुत ही खूबसूरत है और यदि आप सरगुजा में घुमने की जगह की तलाश में है तो यह स्थल आपके लिए एक शानदार स्थल बन जाता है. यह खूबसूरत स्थल आपको शहर के बीचों बिच देखने को मिल जाता है. लोग यहाँ मरीन ड्राइव के खूबसूरत झील को देखने आते है जिसके बीच में एक सुंदर शिव मंदिर है. लोग यहाँ फोटो खिचवाने भी आते है शाम के समय यहाँ की सुन्दरता देखने लायक होती है क्योकि लाइटिंग इस स्थल की सुन्दरता में चार चाँद लगाता है इसलिए आपको यहाँ घुमने जरुर आना चाहिए.
2. महेश्पुर
स्थान: उदयपुर शहर के बीच में
जिले से दुरी: 8 किलोमीटर
विशेषता: प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर एवं शिल्पकला,
यदि आप सरगुजा में घुमने की जगह की तलाश में है तो यह स्थल आपके लिए महत्वपूर्ण है क्योकि यहाँ आपको प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर के साथ अलौकिक शिल्पकारीगरी देखने को मिलती है. जिसे आप सरगुजा जिले में आकर यहाँ से महज 8 किलोमीटर की दुरी पर उदयगढ़ जाकर देख सकते है. यहाँ महेशपुर में आपको प्राचीन शिव मंदिर, छेरिका देउर का विष्णु मंदिर और वृषभनाथ की प्रतिमा जैसी जगहें देखने को मिलती हैं। इसके अलावा, यहाँ भगवान विष्णु-लक्ष्मी, नरसिंह अवतार और हिरण्यकश्यप का वध दिखाती मूर्तियाँ भी हैं। साथ ही यहाँ महेशपुर में एक 18 वाक्यों का शिलालेख भी है जो उस समय की कहानियाँ बताता है। जिससे की यह स्थल सरगुजा पर्यटन स्थल और सरगुजा के दर्शनीय स्थल की सूची में अपना नाम रखता है.
3. देवगढ़
अगर हम अंबिकापुर से 28 किलोमीटर दूर जाएँ, तो हमें लखनपुर मिलेगा। और लखनपुर से थोड़ा आगे, सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर, एक बहुत पुरानी जगह है जिसका नाम देवगढ़ है। बहुत समय पहले, लोग मानते थे कि यहाँ एक बहुत बड़े संत, ऋषि यमदग्नि रहते थे और पूजा करते थे।
देवगढ़ में एक खास शिवलिंग है। इस शिवलिंग में शक्ति की देवी पार्वती का रूप भी दिखता है, जैसे कि शिव और पार्वती एक ही शरीर में हों। इसीलिए इसे अर्द्धनारीश्वर भी कहते हैं। इस मंदिर को गौरी शंकर मंदिर भी कहते हैं, देवगढ़ में एक नदी है जिसका नाम रेणुका है। इस नदी के किनारे बहुत सारे पुराने मंदिरों के टुकड़े बिखरे हुए हैं। ये मंदिर बहुत ही सुंदर बनाए गए थे और हमें बताते हैं कि बहुत समय पहले लोग कितनी अच्छी कलाकारी करते थे।
यहाँ एक और खास जगह है जिसे गोल्फी मठ कहते हैं। ये मठ शिव जी को मानने वालों से जुड़ा हुआ है। देवगढ़ में देखने के लिए बहुत सारी चीज़ें हैं, जैसे कि पुराने मंदिरों के टुकड़े, गौरी शंकर मंदिर, एक खास तरह से बना हुआ शिव मंदिर जो जमीन के अंदर है, गोल्फी मठ, बहुत पुरानी और सुंदर मूर्तियाँ, और खूबसूरत प्रकृति।
4. पुष्प वाटिका उद्यान
स्थान: सरगम, अंबिकापुर
विशेषता: 25 एकड़ में फैला मनोरंजन पार्क, झूले और टॉय ट्रेन,
क्या आप एक शांत और सुंदर जगह ढूंढ रहे हैं जहां आप अपने परिवार के साथ कुछ यादगार पल बिता सकें? तो फिर पुष्प वाटिका आपके लिए एकदम सही जगह है! यह खूबसूरत बगीचा पहले एक वाटर पार्क हुआ करता था, लेकिन अब इसे फूलों के बगीचे में बदल दिया गया है।
इस बगीचे में हरियाली और फूलों का ऐसा खूबसूरत नज़ारा है कि आप इसे देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यहाँ एक शांत तालाब भी है और बच्चों के खेलने के लिए झूले और एक छोटी सी ट्रेन भी है। शाम को जब बगीचे की रोशनी जगमगा उठती है तो यह और भी खूबसूरत लगता है।
आप यहाँ आकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं, अपने बच्चों के साथ खेल सकते हैं और अपने परिवार के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। तो फिर देर किस बात की, आज ही पुष्प वाटिका आएं और एक यादगार दिन बिताएं!
5. टाइगर पॉइंट
दूरी: अंबिकापुर से 55 किलोमीटर, मैनपाट से 7 किलोमीटर
विशेषता: 80 फीट ऊंचाई का जलप्रपात और हरे-भरे जंगल
यदि आप हरे-भरे जंगलों और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों के बीच एक शांत जगह ढूंढ रहे हैं? अगर हाँ, तो मैनपाट आपका स्वागत करता है! मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है। यहाँ एक जगह है जिसे टाइगर पॉइंट कहते हैं, जो घूमने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। यदि आप sarguja me ghumne ki jagah ढूंड रहे है तो यह स्थल आपके लिए खजाने से कम नही.
मैनपाट, अंबिकापुर से लगभग 55 किलोमीटर दूर है और टाइगर पॉइंट मैनपाट से सिर्फ 7 किलोमीटर दूर है। यहाँ आप घने जंगल देखेंगे और एक बहुत ही खूबसूरत झरना भी देखेंगे जो 80 फीट ऊंचाई से गिरता है। सरकार ने पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां रेलिंग भी बनवाई है।
यहाँ आकर आपको प्रकृति का बहुत ही करीब से अनुभव होगा। अगर आप प्रकृति से प्यार करते हैं तो आपको यह जगह बहुत पसंद आएगी।
6. संजय वन वाटिका
स्थान: वन क्षेत्र, अंबिकापुर
विशेषता: टॉय ट्रेन, वन औषधि संग्रहालय, हिरण और मोर
अगर आप प्रकृति से प्यार करते हैं और कुछ नया सीखना चाहते हैं, तो अंबिकापुर का संजय वन वाटिका आपके लिए एक बहुत अच्छी जगह है। इस पार्क में आपको बहुत सारी मज़ेदार चीज़ें मिलेंगी। यहाँ एक छोटी सी ट्रेन भी है जिस पर बच्चे बहुत खुशी-खुशी सवार होते हैं। आप यहाँ हिरण और मोर के बहुत सारे सुंदर पुतले भी देखेंगे। इसके अलावा, यहाँ एक व्यायामशाला भी है जहाँ आप व्यायाम कर सकते हैं।
यहाँ एक और खास चीज़ है, एक वन औषधि संग्रहालय। इस संग्रहालय में आपको पेड़-पौधों से बनने वाली दवाओं के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा। अगर आपको जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक इलाज में दिलचस्पी है, तो आपको यह संग्रहालय बहुत पसंद आएगा।
7. ठिनठिनी पत्थर
स्थान: दादी माँ एयरपोर्ट के पास, सरगुजा
विशेषता: पत्थर पर चोट करने से धातु जैसी आवाज
क्या आपने कभी ऐसा पत्थर देखा है जिस पर अगर आप कोई चीज़ मारें तो धातु की तरह आवाज़ निकले? छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक ऐसा ही अनोखा पत्थर है, जिसे ठिनठिनी पत्थर कहते हैं। यह पत्थर बहुत बड़ा है और इस पर अगर आप कोई पत्थर मारेंगे तो यह घंटे की तरह आवाज़ करेगा। यह अतभुत स्थल आपको सिर्फ सरगुजा पर्यटन स्थल में ही देखने को मिलता है, वैज्ञानिकों को भी अभी तक यह नहीं पता कि ऐसा क्यों होता है। यह अद्भुत पत्थर सरगुजा एयरपोर्ट के पास है। अगर आप कभी सरगुजा घूमने जाएं तो इस पत्थर को देखने ज़रूर जाएं। यह आपके लिए एक बहुत ही अनोखा अनुभव होगा।
8. घाघी जलप्रपात
स्थान: मैनपाट जाने वाली सड़क के पास
विशेषता: सुंदर जलप्रपात, पिकनिक स्थल
अगर आप किसी झरने के नीचे बैठकर शांत वातावरण में कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो अंबिकापुर से मैनपाट जाने वाली सड़क पर आपको एक बहुत ही खूबसूरत झरना मिलेगा। बरसात के मौसम में यह झरना बहुत ही खूबसूरत लगता है। पानी बहुत जोर से गिरता है और चारों तरफ पानी के छींटे उड़ते हैं। इस झरने के पास एक छोटा सा बांध बना हुआ है, जिसकी वजह से पानी ऊपर से नीचे की ओर बहुत तेजी से गिरता है। यह जगह परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए एक बहुत ही अच्छी जगह है। आप यहाँ बैठकर खूबसूरत नज़ारे का लुत्फ उठा सकते हैं और शांत वातावरण में कुछ पल बिता सकते हैं।
9. घुनघुट्टा बांध
दूरी: अंबिकापुर से 17 किलोमीटर, दिलीप बड़ागांव
विशेषता: जलाशय, नौकायन की सुविधा
अगर आप किसी बड़े तालाब में नाव चलाना चाहते हैं और शांत वातावरण में कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो अंबिकापुर से लगभग 17 किलोमीटर दूर एक बांध है घुनघुट्टा बांध। इस बांध पर आप नाव की सवारी कर सकते हैं और तालाब के बीचों-बीच जाकर आसपास के खूबसूरत नज़ारे देख सकते हैं। इस बांध में आठ बड़े-बड़े दरवाजे हैं। बरसात के मौसम में जब ये दरवाजे खोले जाते हैं तो पानी बहुत तेजी से बहता है और देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है। यहाँ का वातावरण बहुत शांत और ताज़ा है। आप यहाँ आकर प्रकृति का लुत्फ उठा सकते हैं और थकान मिटा सकते हैं।
10. ऑक्सीजन पार्क
स्थान: महामाया पहाड़, अंबिकापुर
विशेषता: वॉच टावर से पूरे शहर का नजारा और सूर्यास्त का दृश्य
अगर आप शहर की भीड़-भाड़ से दूर जाकर शांत वातावरण में कुछ समय बिताना चाहते हैं, तो अंबिकापुर का ऑक्सीजन पार्क आपके लिए एक बहुत अच्छी जगह है। यह पार्क महामाया पहाड़ पर बना हुआ है और बहुत बड़ा है। यहाँ से आप पूरे शहर को देख सकते हैं। पार्क में एक ऊंची मीनार भी है, जिस पर चढ़कर आप दूर-दूर तक के नज़ारे देख सकते हैं। शाम के समय यहाँ से सूर्यास्त का नज़ारा बहुत ही खूबसूरत लगता है। यह पार्क हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ है, इसलिए यहाँ की हवा बहुत साफ और ताज़ा है। आप यहाँ आकर टहल सकते हैं, किताब पढ़ सकते हैं या बस शांत बैठकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
12. उल्टा पानी
स्थान: सरगुजा जिले में स्थित है.
विशेषता: पानी का ऊपर की ओर बहना, जिसे ग्रेविटी का कमाल माना जाता है
क्या आपने ऐसी जगह देखि है जहाँ की ग्रेविटी अलग ही है, उल्टा पानी एक अद्भुत स्थल है जहाँ आप ग्रेविटी के विपरीत पानी को ऊपर की ओर बहता हुआ देख सकते हैं। यह स्थान सरगुजा जिले में स्थित है और यहाँ पानी का ऊपर की ओर बहना एक आश्चर्यजनक अनुभव है। यह स्थान अपने आप में एक अजूबा है और लोग यहाँ ग्रेविटी के इस प्रभाव को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। जिससे की यह स्थल sarguja me ghumne ki jagah में अपनी सूची रखता है.
13. महामाया मंदिर
स्थान: अंबिकापुर, सरगुजा
विशेषता: ऊंची पहाड़ी पर स्थित देवी महामाया का मंदिर, नवरात्रि में विशेष भीड़
यदि आप सरगुजा के दर्शनीय स्थल की सैर करना चाहते है तो अंबिकापुर का महामाया मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो देवी महामाया को समर्पित है। यह मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और इसके गर्भगृह में देवी की सुंदर प्रतिमा स्थापित है। नवरात्रि के अवसर पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, और यहाँ का वातावरण भक्तिमय हो जाता है। यहाँ आने वाले पर्यटक माँ देवी से अपनी मनोकामना भी मांगते है.
14. ज़लज़ली पॉइंट
स्थान: मैनपाट, अंबिकापुर
दूरी: मैनपाट से लगभग 10 किलोमीटर
विशेषता: हिलती हुई जमीन, बच्चों को पसंद,
मैनपाट आते हैं तो ज़लज़ली पॉइंट को देखना बिल्कुल न भूलें. यह जगह आपको एक अनोखा अनुभव देगी. यहां की हिलती-डुलती जमीन आपको हैरान कर देगी. पानी की एक पतली परत के ऊपर बनी इस जमीन पर उछल-कूद करना, एक ऐसा रोमांच है जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे. मैनपाट से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जगह, पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है. यह अतभुत और रहस्यमयी जगह आपको सिर्फ सरगुजा में घुमने की जगह में ही देखने को मिलेगी.